गंगा महिमा

गंगा के महिमा दुनिया में, सबसे बड़ा अनमोल हगंगा में जे डूबकी लगावे,पाप ओकर सब गोल हगंगा के महिमा…….. मोक्ष देवे के खातिर गंगा, लेले  बारी अवतारपर परदूषण से दुखी बारी, देख तनी विचारअमरित जस गंगा जल में,कचरा के मिलत घोल हगंगा के महिमा…….. धरती पर जब अइली मईया,मोक्ष के खुलल दुआरभागिरथ के सब पुरखन के, तब रहे भइल उद्धारगंगा के जे मईया ना बुझे, बुझ उ बकलोल हगंगा के महिमा…….. रीति रिवाज के नाम पे गंगा, मैली हो गइल बारीआज बाट जोहत बारी लाल के,आके हमके संवारीभागिरथ फेर से आव धरा पर,मईया के ईहे बोल हगंगा के महिमा…….. गंगा जल बिन पूजा कवनो ,होला आज ना पूरा होअंतिम बिदाई गंगा लाभ से,हो जाला सब पूरा होलाल बिहारी अमरित जल के ,बुझे ना कवनो मोल होगंगा के महिमा……..

  • लाल बिहारी लाल लेखक साहित्य टी.वी.के संपादक है

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