वेलेंटाइन

उठ ना अब ले सुतल बाड़ू।
जाड़ा पाला में का तंग कइले बानी ।बेर बिहान होखे ना दीं।
सुरसतिया के माई जल्दी उठ आज हमार वेलेंटाइन ना बनबूं।
रउवो आपन उमीर ना देखीं ।एह उमर में कबो रेखा तो कबो हेमा मालिनी के शौख जाग जाता।ई वेलेंटाइन कवन भूतनी के नाम ह ? कवनो नया हिरोइन पर नजर पड़ल ह का ?काल सुरसतियो कह तहे कि माई काल एक सौ रूपिया दिहे वेलेंटाइन दिन ह। आज कल के लइकन कहियो माई दिवस, कहियो बाप दिवस मनावते बाड़न सं बाकिर एह उमीर में रउवो के वेलेंटाइन चाहीं। मेहरारू के सवतिया डाह होला ई जग जाहिर बा बाकिर एह उमीर में रोज रोज राउर फरमाइश से तंग आ गइल बानी ब्रम्ह बाबा से मनावत बानी कि रावा के वेलेंटाइन दे देस। ब्रम्ह बाबा हमार ई विनती जहिया सुन लिहें हम गुड़ के शरबत आ कसार चढ़ाइब।
तू त खिसिया गइलू।हम त हँसी में कहनी ह।बूरा मत मान।मरद के मन ना नू बुढ़ाय ई त तू जाने लू।दोसरा के देखा देखी हमरो शवख जाग गइल ह कि आज तोहरा के वेलेंटाइन बनाईं।
अब नीन तुड़िये देनीं त बताईं कि वेलेंटाइन के भूत रउवा के कवन सिनेमा में धइलस ह।
तू त जाने लू हम सिनेमा ना देखीं, फेसबुक के आदत लाग गइल बा।लिखे पढ़ें के शवख में ढेर बेकमिया लोग से दोस्ती हो गइल बा।एक हफ्ता से फेसबुक पर वेलेंटाइन वेलेंटाइन चल रहल बा कहियो प्रपोज डे, कहियो हग डे, कहियो रोज डे, कहियो किस डे, कहियो चाकलेट डे।सब त बूझत रहीं बाकिर हग डे ना बूझाइल। गूगल बाबा से पूछनी त रामदेव बाबा वाला विडियो भेज देलन त बुझाइल हग का ह। तूहूं त आज ले हग नइखु देले।आजो जब प्यार के बात करब त लुगा मूँह में ठूंस चुहानी में भाग जालू।हम वेलेंटाइन का जानी।ऊ त एगो बढ़िया पुरान सिनेमा बागवान मोबाइल पर देखत रहीं त अमिताभ हेमा जी से कहले कि हमार वेलेंटाइन बनोगी,त थोड़े थोड़े बुझनीं कि वेलेंटाइन का होला। गरीब के लइका दोकानी पर रसगुल्ला देखलन सं त खाये के सोचलन सं बाकिर भेंटाय ना ओसही हमहूं मने मन वेलेंटाइन खातिर दिनों में सपना देखत रहीं। हिम्मत ना होत रहे तोहार दिनों दिन बदलत तेवर देख के।एक सप्ताह से खेला चलता।देखके आज ना रोक पवनी ह अपना आप के।
त आज कहाँ से भोरे भोर ताकत आ गइल ह। बजरंगबली से मिलल ह का।
तूहूं नू ! बजरंगबली का जानस वेलेंटाइन के स्वाद।ऊ त ऐकर दुश्मन।ऐही देख मुंबई के उदय भइया बजरंग दल ज्वाइन कर लेलन।बाकिर उहो एगो जीवे हवन दिन में बजरंग दल,रात के वेलेंटाइन के चक्कर उहो एगो ना कई कई गो से।ऊ त भल होखे नवी मुंबई वाला सुरेश भइया के कि सीसीटीवी वाला ड्रोन पाछे लगा देलन कि भर हफ्ता उदय भइया के दाल ना गलल आज के खबर नइखे, देर रात सुरेश भइया समाचार लेके लाइव आइब रात नव बजे।पैनाली बाबा आसाम में बीहू के बहाने भर हफ्ता सब डे मनइले ह, घर में की बहरा हम ना बताइब ई बात निपढ़ ओझा जी बतइहें जे देस विदेस में वेलेंटाइन विशेषज्ञ बन कथा वाचन करत चलिला। सुने में आवता उहां के दिल्ली में प्रेमाश्रम के स्थापना के नींव आज रखे वाला बानीं। दिल्ली दिल वाला के ह सुनत रहीं बाकिर ई का जे पी बाबा,केशव भाई, राहुल भाई , संतोष भाई सबके सब वेलेंटाइन हफ्ता में आपन आपन काम में लागल बा। वेलेंटाइन ना सही बसंती बयार के त देखो लोग।हो ना हो भउर वाला आग वाली बात बा। भीतर भीतर कुछ होतो हाई त हवा लोग नइखे लागे देत। बैर खून खांशी खुशी छुपवला से ना छुपे।अगिला माह के भोजपुरी जंक्शन प्रेम विशेषांक आई , मनोज भइया के कैमरा हर एंगल से देख रहल बा। कैमरा झूठ ना बोले।अब उहां सभे सोंची कइसे मैनेज करे के बा।भर हफ्ता से इहे देखत आज अंतिम दिन हिम्मत जुटा कहतानी,मान जा, गुस्सा मत।हमरो दिल रह जाई।
अच्छा ठीक बा। ना गुस्साइब करवट फेरीं।
ई का ?
गुलाब ह। रउवा खातिर वेलेंटाइन डे पर। हमरा त लाज लागतहे बाकिर सुरसतिया काल्हु से जीद कइले रहे कि पापा के काल्हू जरूर दीह। रउवा का देब ?खाली वेलेंटाइन बनावे के मन करेला।
लऽ हम हग दे तानी।भाग मत ना त पाछा -पाछा चुहानी में चल आइब।बाह इयार तू त छुपा रुस्तम निकललू।
अब छोड़ी। चलीं उठल जाव सुरसतिया उठ गइल होई।
  • कनक किशोर 
राची

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