लोरी गीत

जाईं हम लोभाय हो, बबुअवा के मुसुकी पर।

केई पुचकारे, केई अंगे लगावेले

अंगे लगावेले, अंगे लगावेले 2

केकरा अँचरवा नीचे,2 जालें लुकाय हो

बबुअवा के मुसुकी पर।

जाईं हम लोभाय हो, बबुअवा के मुसुकी पर।

 

माई पुचकारे, बाबू अंगे लगावेले

अंगे लगावेले, अंगे लगावेले 2

दादी के अँचरवा नीचे,2 जालें लुकाय हो

बबुअवा के मुसुकी पर।

जाईं हम लोभाय हो, बबुअवा के मुसुकी पर।

 

केई किलकावे, केई लहकि बोलावेले

लहकि बोलावेले, लहकि बोलावेले 2

केकरा सुरतिया देखि,2 जालें अघाय हो

बबुअवा के मुसुकी पर।

जाईं हम लोभाय हो, बबुअवा के मुसुकी पर।

 

चाची किलकावे, चाचा लहकि बोलावेले

लहकि बोलावेले, लहकि बोलावेले 2

बुआ के  सुरतिया देखि,2 जालें अघाय हो

बबुअवा के मुसुकी पर।

जाईं हम लोभाय हो, बबुअवा के मुसुकी पर।

 

केई दुलरावे, केई हुलसि बोलावेलें

हुलसि बोलावेलें, हुलसि बोलावेलें 2

केकरा गोदिया से,2 जालें पराय हो

बबुअवा के मुसुकी पर।

जाईं हम लोभाय हो, बबुअवा के मुसुकी पर।

 

नानी दुलरावे, नाना हुलसि बोलावेलें

हुलसि बोलावेलें, हुलसि बोलावेलें 2

दादा के गोदिया से,2 जालें पराय हो

बबुअवा के मुसुकी पर।

जाईं हम लोभाय हो, बबुअवा के मुसुकी पर।

 

  • जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

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