गजल

सहते सहते सहार हो जाई

दुखवा बढ़ि के पार हो जाई

 

तनी साजल करीं तरीका से

ई जवानी उलार हो जाई

 

छोड़s रहे दs बतिया जाय दs

ना तs दुनिया जितार हो जाई

 

छोड़s नफरत के ,प्यार का राहे

सभे केहू तोहार हो जाई

 

तनी माटी नरम तू होखे द s

सारा दुनिया से प्यार हो जाई

 

सहजे-सहजे केहू से मिलs तू

ना तs मिललो बेकार हो जाई

 

◆◆◆

 

कारीअंखिया में कजरा के धार सजनी

चले छतिया पर हमरे कटार सजनी

 

दूनू होंठवा गुलाबी पंखुड़िया नियन

तोहरी बोलिया बा रस के फुहार सजनी

 

टुटही खटिया नियन दिन रहेला पड़ल

रतिया अंझुराली जइसे सेंवार सजनी

 

बाजे पायल तs लागे की बरखा भइल

तू हंसेलु तs झनके सितार सजनी

 

लाल सुरुज नियन टिकुला टहटह बरे

पाट नदिया के जइसन लीलार सजनी

 

कतना गुलरेज तोहके बखानस भला

तू गजल गीत कविता हमार सजनी

 

  • गुलरेज सहजाद

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