मजदूर के प्रेमकथा

मनोज एगो डेहारी मजदूर रहें। अभी-अभी नया साल में ही ओकर शादी भाईल रहें। मनोज के सब साथी आपन मेहरारु के साथे घुमे जात बारे वेलेंटाईन डे पर। मनोज भी सोचलस की हमू काहे ना आपन औरत के कही घुमावे ले जाई। मनोज एगो खुशीदिल इंसान रहें। ठेकेदार से पाईसा लेके मनोज प्लान बनाईलस कि 14 फ़रवरी के हम भी आपन औरत के बिग-बाजार घुमावे ले जाएम। ई बात सुन के मनोज के औरत बहुत खुश भईल और ऊ दुनू मियाँ बीबी बिग-बाजार घुमे खातिर गईले। मनोज के कहला पर ओकर औरत एगो सूट पसंद कइलास जवना के किमत काउंटर पर एक हजार भईल। मँहगा के कारण औरत के मना काईला पर भी मनोज ना मानल और दुगो पाँच सौ के नोट निकाल के काउंटर वाला के दे देलास। मनोज के पास ऊ एक हज़ार के सेवा दोसर कवनो पाईसा जेब में ना बचाल कि ऊ कुछ निमन बाऊर खरीद के आपन औरत के खियावे। मनोज अब ई बात आपन मेहरारु से भी ना बता सकत रहे, तबले मनोज के सामने एगो काउंटर दिखाई देलास जवना पर लिखाल रहे “इस काउंटर पर पुराने वस्तु ख़रीदी जाती है।” मनोज आपन मेहरारु से बाथरूम के बहाना बना के ऊ काउंटर पर तुरंत पहुंच के आपन हाथ के घड़ी बेच के सौ रुपया लेलास अउर आईसक्रीम वाला काउंटर से दुगो आईसक्रीम खरीद के लेके आईल। दुनू मियाँ बीबी आइसक्रीम खात बिग-बजार  से बाहर निकलले। मनोज के औरत बहुत खुश रहे। आपन औरत के ख़ुशी देख के मनोज के थोड़ा-सा भी कष्ट ना भईल कि ऊ आपन पाँच सौ के घड़ी के सौ रुपया में बेच देले बा।

जियाउल हक

जैतपुर सारण बिहार

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