भोजपुरी हमरे मन-प्रान में बसल हे

ऊ भारत के आपन मातृभूमि माने लीं अउर मॉरीशस के कर्मभूमि। अपने पुरखन के देस भारत से उनके एतना लगाव ह कि इँहा से वापिस मॉरीशस लवतट के बेरी अइसे आँख भरि-भरि हिरोहेलीं जइसे नइहर छोड़ के ससुरे जात होखं। मॉरीशस क सरनाम भोजपुरी गायिका हईं अउर अभिनय के क्षेत्र में भी उनके महारत हासिल ह।उछाह -उमंग से भरल -पूरल,उमिर के धकियावत -धकेलत, पीछे छोड़त ऊ भोजपुरिया समाज खातिर मिसाल हईं ,नाम ह हुसिला देवी रिसौल।इनके व्यक्तित्व क कई -कई गो पक्ष उजागर करे क एगो छोटहन परयास ह हुसिला जी से सुमन सिंह क बातचीत )

सुमन–  राउर पारिवारिक पृष्ठभूमि का ह ?
हुसिला जी– हमनी क पूर्वज लोग पाँच पीढ़ी पहिले से भारत से मॉरीशस आईल रहलन जा।उन्हन लोग के कलकत्ता से जहाज में भेड़-बकरी नियन ठूसिं के, लालच दे के ले आवल गईल रहे कि पहाड़ खनले प सोना मिली।गिरमिटिया मजूर बनके आयल रहलीं जा अउर आज देखीं ओही गिरमिटियन क सरकार हे।ई कुल मायीभासा के सहेज -संच के ही सम्भव भयल नाही त सबसे बड़ गुलामी त उहे ह न जवने में आपन बोली-बानी के छोड़ के दोसरे बोली-भासा के अपनावे बदे मजबूर होवे के पड़ेला।
सुमन–भोजपुरी से लगाव क का कारण ह ?
हुसिला जी–(हँस के) सुमन जी! भोजपुरी त हमरे मन- प्रान में बसल हे।कहल जाय त ई हमरे रोम -रोम में गुनगुन करत थिरकत फिरेले।
सुमन –रउवा भोजपुरी गीत केकरे प्रेरणा से गावे  शुरू कइलीं ?
हुसिला जी–हमार बाबूजी भजन कीर्तन करत रहलन उनही क देखा देखी हमहूँ गावे लगलीं।छह  बरीस के उमिर से गावत हईं।
सुमन–भोजपुरी गायन के क्षेत्र में अब तक ले आपके कवन -कवन पुरस्कार -सम्मान मिलल ?
हुसिला जी– बहुते सम्मान अउर पुरस्कार एह क्षेत्र में मिलल।भारत, इंग्लैंड,साउथ अफ़्रीका लिहले मॉरीशस से खूब प्रेम अउर सम्मान मिलल।(हँस के )ओकर गिनती ना हो सकेला सुमन जी !
सुमन–का आप अब तक के उपलब्धि से संतुष्ट हईं  ?
हुसिला जी– जी,बहुत संतोख होला।जब हमार गावल गाना घरे-घरे बाजेला अउर लोगबाग गुनगुनावेलन त आत्मा जुड़ा जाला।
सुमन– मॉरीशस में भोजपुरी क का स्तर ह ?
हुसिला जी– मॉरीशस में त भोजपुरी खूब उन्नत हे।स्कूल -कॉलेज में पढ़ावल जाले।उच्च शिक्षण में माने कि पीएच.डी स्तर तक भोजपुरी पढ़े वाला बिषय ह त आप समझे सकीलां कि भोजपुरी इँहा केतना जनप्रिय हे।
सुमन –भारत से आपके केतना लगाव ह ?
हुसिला जी– बहुते जादा।भारत त हमके अपने नइहर नियन आपन लागेला।जब भारत से वापिस मॉरीशस आइला त लागेला कि नईहर छोड़ के ससुरे जात हईं।
सुमन — भारत में आपके कवने भोजपुरी गायक-गायिका क गाना पसंद ह ?
हुसिला जी– देखीं ई त बतावल बड़ा मुश्किल ह।हमके त ऊ सब्बे पसन पड़े ला जेकरे गला में सरस्वती मइया क वास होला।हमके भारत में बहुत बढ़िया -बढ़िया कलाकार लोगन के संगे मंच साझा करे क मोका मिलल ह।मनोज तिवारी जी के संगे त कय -कय बार मंच मिलल ह गावे के।कुल नया -पुरान गायक-गायिका लोग हमके नीक लगे लं।
सुमन–भोजपुरिया समाज क मान-प्रतिष्ठा अउर संविधान खातिर भोजपुरी के आठवीं अनुसूची में शामिल करे खातिर भारत में आंदोलन होत ह।राउर का विचार ह, भोजपुरी के संवैधानिक दर्ज़ा मिले के चाहीं ?
हुसिला जी– बिल्कुल,  काहें ना मिले के चाही! देखीं जे आपन बोली -भाषा से अलग हो जायी न त समझ लेहीं ऊ अपने आत्मा से अलग हो जाई।भोजपुरी के संवैधानिक दर्ज़ा मिलहीं के चाही।ऐसे भोजपुरिया समाज उन्नति करी आ जवन बोली- बानी में घुलत चल जात अश्लीलता ह उहो कम होत -होत ख़तम हो जायी।भोजपुरी के गरब -सम्मान खातिर हमनियों क अपने स्तर से प्रयास करीला जा।मॉरीशस क एह घरी भारत में एम्बेसडर हईं जगदीश गोबर्धन जी,उनके संगे हम अउर हमार पति डॉ.अखिलानन्द रिसौल जी भोजपुरी के प्रचार-प्रसार बदे पचास दिन क यात्रा भी कइलीं जा।हमनी के प्रधानमंत्री श्री अनिरुद्ध जगन्नाथ जी भी कहेलन कि भोजपुरी हमनी के आत्मा ह,इहे हमनी क दुनिया भर में पहचान ह, हमनी क बैकबोन ह,हमनी के संस्कृति ह।हमनी के भोजपुरी भाषा गर्व से बोले के चाही।
सुमन — भोजपुरी गावे के आलावा का आप अभिनय अउर भोजपुरी फ़िल्म निर्माण से भी जुड़ल हईं ?
हुसिला जी– हं सुमन जी,भोजपुरिये ना क्रियोल में भी कुल ढ़ेरकी लेखा काम बा हमार एह क्षेत्र में।आप इकुल बदे हमार यूट्यूब चैनल आ फेसबुक पेज देख सकीला।उंहवा आपके अब तक क कुल अपडेट मिल जायी।
सुमन– भारत में ऊ कवन शहर ह जवन आपके  अपने घर जइसन लागेला ?
हुसिला–बनारस हमके अपने घर जइसन लागेला।उंहवा हमके बहुत आदर-सम्मान मिलेला।
सुमन–एतना उमिर भइलो पर भी आपके सक्रियता अउर लगन में कवनो कमी ना आयल ह,एकर का भेद ह ?
हुसिला जी–(हँस के) परमपिता के किरिपा से हमार जिनगी बहुत बढ़िया से आगे बढ़त चलल चल जात हे।हम कवनो बात क ढ़ेर चिंता ना करीला।सफलता-असफलता सब नियति मान के स्वीकार क लेही ला।हम त अपने आत्मा के भगवान जी के ऊपर ओही तरे चढ़ा दिहले हईं जे तरे फल-फूल चढ़ावल जाला।हमार मानना ह कि भगवान जी साथ रहिहन त सब ठीक रही।

डॉ.सुमन सिंह
अस्सिटेंट प्रोफ़ेसर(हिन्दी-विभाग)
डी ए वी पी .जी कॉलेज ,वाराणसी-221002
उत्तरप्रदेश

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