निरमल गाँव

आज बुधना गाँव बड़ दिन लउटल बा। नयका कुरता पायजामा आ लाल गमछा ओढ के जइसहीं बस से उतरल, आपन भयाद लोग के देख के मुँह बिचकावत कहलस- ई का? हमनी के गँऊवा में  सफाई अभियान ना चलऽता का? बोलते-बोलते आगे बढत रहे कि गोबरे पर गोर पर गईल ।हे भगवान!  एहीसे त हम गँऊवा से भाग गईनी।माई बेराम ना रहित तऽ हम अइबो ना करऽतीं।चलऽ, पहिले गंगा जी चलऽ।नहा-धो के घरे जाइब। अबकी सब संघतिया के बुधना के वेबहार ठीक ना लागल।बाकिर बड़ दिन बाद  संघतिया के अइला के…

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नदी आ बेटी

नदी आ बेटी के सिरजन भगवान धरती के सुनरी सरूप बदे बनवलन। धरती पर मनई के बसे आ जीये बदे ई दुनो जन  के अपना जीवन नेछावर करेके भेजलन। बेटी धरती पर मनई बसईली त नदी ओही मनई के जीवन दान दिहली ।खेती आ पानी के जुगाड़ के जिम्मा ई लिहली। ऐसही धरती फलत-फूलत आज एतना बड़ आपन संसार बना लिहली। खूब खूश होखे ई दुनो जन आपन एतना सुंदर सिरजन देख के। आज नदी बेकल बारी। उनका के सब लोग गंदा कर देत बा। उ आपन दुख केकरा से…

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भउजी

हमरा पूरा जवार में एके गो भउजी रहली । बिजे भउजी। गाँव में भउजी , चाची, दादी ई सबलोगन के उनकरा ‘भतार’ के नाम से ही बोलावल जाला। आ सब नाम के साथे ‘वा’ आ चाहे ‘ईया’ लगा के बोलला से अपना निअन जनावेलन लोग। भईया हमरा सब गोतिया  के बड़ बेटा हउअन। गाँव में बड़ लोग उनका के बिजइया आ छोट लोग बिजे भईया आ बिजे चाचा कहेलन। बिजे भईया सगरी जवार के छोट लइकन के देखनहार रहलन। उहे सभ लइकन के पढाई लिखाई आ चाहे अउरो कवनो बात होय…

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भोजपुरी में बाल साहित्य

प्राचीन काल में भोजपुरी बिहार प्रांत के भोजपुर, आरा ,बलिया, छपरा, सीवान, गोपालगंज आ यूपी के कुशीनगर, देवरिया गोरखपुर, महराज गंज ,सिद्धार्थ नगर, मऊ , आजमगढ़, गाजीपुर आ बनारस के भाषा रहे बाकिर अब्ब आपन भोजपुरी एगो अंतर्राष्ट्रीय भाषा हो गइल बाटे । भोजपुरी खाली भारत के बिहारे यूपी  के भाषा ना रहिके नेपाल , मॉरीशस, फीजी, गुआना, सूरीनाम जइसन देशन में भी बोलचाल के भाषा के रूप में फइल गइल बा । भोजपुरी भाषा में सभ तरह के साहित्य रचल जा रहल बा बाकिर बाल साहित्य के नाम पर…

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लड़की बुटीफुल्ल कर गइल चुल्ल

बंगड़ गुरु के पड़ोस में एक जाना क बियाह रहल। लाउडस्पीकर पुरजोर लाउड रहल। सबेरहीं से एक्के गनवा कई बेर बजावल जात रहल, ’लड़की ब्यूटीफूल कर गयी चुल्ल…।’ सुनत -सुनत कपार दुखा गईल त बंगड़ खुनुस से फफात- उधियात पड़ोसी के घर में धावा बोललन। ’केकर काल आ गयल ह कि हेतना जोर -जोर से लउडस्पीकर बजावत ह …आंय ?’ क्रोधन बंगड़ काँपत रहलन। ’’सादी-बियाह क घर ह त गाना -बजाना ना होई का ?…तोहरे भाग में त इकुल सुख देखे के लिखले ना ह। दुआरे तिलकहरू चढ़बे ना करीहन…

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वोट माँगे अइले हो

अयोध्या मे गोली चलववले जरिको न सरमइले हो एकरा के लाजो ना लागे वोट माँगे अइले हो। महजिद पर भोंपू लगववलें मंदिर के बंद करवलें हो एकरा के लाजो ना लागे वोट माँगे अइले हो। चाचा बाबू हिल मिल के खूबै लूट मचवलें हो एकरा के लाजो ना लागे वोट माँगे अइले हो। मंचो पर बाबू धकिअवले हिंदुन के गरिअवलें हो एकरा के लाजो ना लागे वोट माँगे अइले हो। सैफई में नाच करवले पइसा खूब बहवले हो एकरा के लाजो ना लागे वोट माँगे अइले हो। बदमासन के टिकस…

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