‘भोजपुरी भाषा के प्रमाणिक रूप’, ‘भोजपुरी भाषा के एकरंगी रूप’, भोजपुरी भाषा के मानकीकरण के आवश्यकता’ जइसन विषय पर समय समय पर विद्वावनन के विचार आइल। भोजपुरी के मानक रूप के तैयार करे के प्रयास लगातार चल रहल बा। कहे के ना होई कि भोजपुरी साहित्य के सृजन सिद्व आ नाथ पंथ, कबीर पंथी, भगताही आ सरभंग सम्प्रदाय के संत भक्त कवियन के ‘बानी’ से शुरू भइल। बाकिर साहित्यिक रूप में भोजपुरी भाषा के निर्माण पिछला 100 साल से हो रहल बा। जब भोजपुरी साहित्य के निर्माण शुरू भइल तब…
Read MoreDay: June 12, 2025
का हो मुखिया !
घूमत रहलें गल्ली-गल्ली देखत कहवाँ ऊंच-खाल बा। पूछलें रामचरितर उनुसे का हो मुखिया ! का हाल बा। कवन नवकी घोषना भइल कतना फंड बा आइल रउरा घरे मुखियाइन त रहनी खूबै धधाइल। हमनी के ना कुछौ मयस्सर रउरा धइले खूब ताल बा। का हो मुखिया ! का हाल बा। पर शौचालय बन्हल कमीसन मनरेगा बा लमहर मीसन एह घरी चलत बा जमके पूजा घर के उद्धारी सीजन । देवी देवतन के कामो में रउरा छनत खूब माल बा। का हो मुखिया ! का हाल बा। पानी के…
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