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“भोजपुरी साहित्य सरिता डॉट कॉम” उ ठेहा बाटे, जवना के विधिवत सुरुआत अप्रैल  2016 में भइल आ अप्रैल 2017 से ई-पत्रिका का रूप में प्रकाशित होखे लागल। सुरुआत के बेरा से ‘भोजपुरी साहित्य सरिता’  भोजपुरी साहित्य के बढ़न्ति खाति आपन पुरहर उताजोग करि रहल बा। हमनी के  भाषा ‘भोजपुरी’ समरथ आ समरिध होखे, एकरा ला सतत  समर्पित बानी सन।
हमनी के उद्देश्य भोजपुरी भाषा आ साहित्य के ओकर मान-सम्मान  दिलावे के संगे-संगे नवहा भोजपुरिया लेखक/कवि  लोगन खातिर  एगो सुघर मंच  उपलब्ध  कराके उनुका लेखन  के धारदार बनावे के गहिराह परायास बा। नवहा लेखक/कवि लोगन के भोजपुरी के स्थापित साहित्यकार लोगन के सानिध्य मिले, एकरा ला भोजपुरी साहित्य सरिता सम्पादन टीम हरमेसा सजग रहेले।

ई-पत्रिका से सुरू भइल जतरा अब प्रिंट में आ रहल बा आ कई गो प्रदेश के भोजपुरी साहित्य सेवी लोगन के लगे चहुंप रहल बा। गवें-गवें ढेर-थोर नेह आ आशीष मिल रहल बा। हमनी के वेबसाइट के संगे-संगे आउर डिजिटल प्लेटफार्मन (फेसबुक,यूट्यूब आ ट्विटर) पs उपलब्ध बानी जा। एह उम्मेद के संगे कि भोजपुरी साहित्य सरिता टीम के प्रयास आउर रउआ सभन के नेह-छोह एक दिन जरूर रंग लाई आउर  भोजपुरी भाषा के ओकर उचित सनमान मिली , रउआ सभे के साथ आ नेह खातिर हमनी के आभारी बानी सन ।

टीम भोजपुरी साहित्य सरिता

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