होई सगरो अंजोर हंसी घरे- घरे भोर
कि जरावऽ दियना, भारत माता के मंदिरवा
जरावऽ दियना ।
एगो दिया धर ऽअंगना में एगो दिया दलानी
एक दिया घर के पिछवारे भुइंया परल पलानी
नाहीं गोसयां गोहार ,नाहीं सूझे उजियार
कि जरावऽ दियना, जहां जिनगी अन्हरवां
जरावऽ दियना ।
एगो दीया गंग- जमुन के जेकर निर्मल पानी
भरल परल जेकरा अंचरा में अनगिन अमर कहानी
लेके असरा उजास पोंछे सब कर पियास
की जरावऽ दियना, चलऽ ओही जलधरवा
जरावऽ दियना ।
एक दिया ओ महतारी के जे शहीद जन्मावे
बलिवेदी पर हिय क अपना बिहंसत फूल चढ़ावे
खोके सोना नियर लाल जेकर अंचरा निहाल
की जरावऽ दियना , ओही माई के ओसरवां
जरावऽ देना ।
एक दिया ओकरे खातिर जे सूतल सपन जगावे
सबद सबद ,आखर आखर में मन कऽ आस जोगावे
लेके हिया जग पीर जइसे तुलसी कबीर
कि जरावऽ दियना , ओही जोगिया दुअरवा
जरावऽ दियना ।
भारत माता के मंदिर में देव लाख चौरासी
केहू विराजे कनक भवन में केहू भूंइ के वासी
नाहीं परदा ओहार जहां देवता उघार
कि जरावऽ दियना , चलऽ ओही देवघरवा
जरावऽ दियना ।
- डॉ कमलेश राय