हमरा पर बाबू जी रहम रउरा करीं
गइया बछरुआ नीयर दान जन करीं
काहे करतानी बाबा सभे लोग के नकल
मत करीं हमके नइहरवा से बेदखल
अँखिया में बेटिया के लोर जन भरी
गइया बछरुआ………………………
धक धक करेला हमरो करेजवा
का जाने कइसन मिली ससुरवा
सोंचत अँखियाँ से लोर मोरे झरी
गइया बछरुआ…………………..
हम हूँ बनब राउर बुढ़उती के लाठी
आपना करेजवा के जन करीं काठी
बतिया पर हमरा विश्वास तनी करीं
गइया बछरुआ………………………..
पढ़ लिखी के हमहूँ नाव राउर करब
फेर हम करब जवन रउरा कहब
बेटावा बिटिया में फरक जन करीं
गइया बछरुआ…………………….
©किरण सिंह