अगिन बरिसे

सावनों में दंवके सिवनवाँ
अँगनवाँ मोरे, अगिन बरिसे।

नीलहा अकसवा के बदरा रिगावे
दिनवाँ में देहियाँ के लवरि जरावे
सुसकेला खेतवा किसनवाँ
अँगनवां ——–

बिंयड़ा में धनवा क बियओ झुराइल
पहिले जे रोपल,रोपलो मरुआइल
बिरथा बा असवों रोपनवाँ
अँगनवां————-

कइसे कहीं अब हुंड़रा के धवरल
रसते में गोजर बिच्छी के पँवरल
फुँफकारे किरवा क फनवाँ
अँगनवां ——–

 

  • जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

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