चइता

चईत महीनवा के सुभ सुदिनवा

मंगल बाजेला बधईया हो रामा..

चईत महीनवा..

फुलवा खिलखिल झरले अँचरवा में ,

सूरुज हँसेले ठठाइके हो रामा..

चईत महीनवा..

कमल खिलाके हँसेले पोखरवा में

पुरईन सजेली मोती मालवा होरामा ..

चईत महीनवा..!

अमवा के डलिया में छोट-छिन टिकोरवा ,

कोईली बोलेली टहकारवा हो रामा..

चईत महीनवा..

कटहर हुलसेला देखिके बलकवा

बिधना हमर भरे गोदिया हो रामा..

चैईत महीनवा

सोनवा से लउकेला गेहुँआ के डरिया

जड़ल बाटे मोतिया से देहिया होरामा..

चईत महीनवा

गीतवा गाई-गाई झूम-झूम नाचेला,

आजु हम भईनी लछमिनिया हो रामा..

चईत महीनवा

डॉ सुशीला ओझा

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