रउरा ना बुझबि सियासत
रउरा अबहीं इंसान बानी,
नेता खाली लाल बुझक्कड़
रउरा कहां सेयान बानी।।
जनता जाहिल भकचोन्हर
नेता नीमन सभमे सुनर,
नेता छोडि़ सभे बा द्रोही
नेताजी ग्यान बिग्यान बानी,
रउरा कहां सेयान बानी।।
रउरा सुनी इन्हिकर बात
नीमन सीखइहें जात पात,
एकरा से बड़ त सास्तर नइखे
हमनी के इन्हिकर लगान बानी,
रउरा कहां सेयान बानी।।
- देवेन्द्र कुमार राय
(ग्राम+पो०-जमुआँव, थाना-पीरो, जिला-भोजपुर, बिहार)